Noida Dialogue

An initiative of Democratic Outreach for Social Transformation, DOST

जिले की 10 सबसे खतरनाक सड़कों में 9 नोएडा की

June 14, 2019

नोएडा में वाहन चलाते समय 9 जगहों पर आपको संभलकर चलने की जरूरत है। हाल ही में हुए एक सर्वे में पूरे जिले में सबसे ज्यादा सड़क हादसों वाली 35 जगहों की पहचान की गई है। इनमें सबसे खतरनाक 10 पॉइंट में 9 नोएडा में हैं। यहां हर साल औसतन 10 लोग जान गंवाते हैं।

एआरटीओ प्रवर्तन हिमेश तिवारी ने बताया कि फरवरी में ट्रैफिक पुलिस और एआरटीओ ने जिले में सड़क दुर्घटना वाली जगहों का सर्वे किया था। इसमें पुलिस की मदद से 35 जगहों को चिह्नित किया गया है। इसके बाद मंडल सड़क सुरक्षा समिति और जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के निर्देश पर डीएम ने 29 मई को एआरटीओ, ट्रैफिक पुलिस और पीडब्ल्यूडी के साथ बैठक कर सड़क हादसे रोकने के लिए योजना तैयार की। इसमें घायलों की मदद करने वाले व्यक्तियों को पुलिस और अस्पताल से प्रोत्साहित करने और उससे दुर्व्यवहार न करने की नीति बनाई गई है। 19 जून को दोबारा बैठक कर संबंधित विभागों से उनकी तैयारियों का ब्योरा मांगा जाएगा।

वाहनों में सेंसर लगाने के निर्देश

हादसे रोकने के लिए तैयार की गई योजना के तहत वाहनों में फॉग लाइट लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही कोहरे से निपटने के लिए वाहनों में सेंसर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे वाहन चला रहे व्यक्ति को 100 मीटर तक चल रहे वाहनों की जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा समय-समय पर स्कूल बसों के निरीक्षण करने की बात कही गई है।

यमुना एक्सप्रेसवे पर ज्यादातर दुर्घटनाओं में होती हैं मौतें

एसपी ट्रैफिक अनिल कुमार झा ने बताया कि जिले में हादसे वाली 10 प्रमुख जगहों में नोएडा की 9 जगहें शामिल हैं। इसमें सेक्टर-15ए डीएनडी टोल, रजनीगंधा चौराहा, सेक्टर-5 चौराहा, गिझौड़ ट्रैफिक लाइट, केसर गार्डन यूटर्न, सेक्टर-82 चौराहा, एनएसईजेड, नंगला स्टैंड और बीपीएल कट हैं। वहीं, यमुना एक्सप्रेसवे पर ज्यादातर दुर्घटनाओं में मौतें होती हैं।

ऐसे बचाएंगे जान

-सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की निगरानी

-नए घटना स्थलों की पहचान

-हादसों में होने वाली मौत का कारण

-हादसों में कमी लाने के लिए कार्ययोजना

-दुर्घटना के दौरान तुरंत इलाज उपलब्ध कराना और मदद करने वालों को प्रोत्साहित करना

-जिले में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना

-स्कूल वाहनों की जांच और तकनीकी निरीक्षण

 

Source : Navbharat Times